संसद के दोनों सदनों में पारित हुआ वक्फ संशोधन विधेयक
संसद ने शुक्रवार तड़के व्यापक चर्चा के उपरांत वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कर दिया यह विधेयक पहले लोकसभा में पारित हुआ जहां इसे 288 सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ जबकि 232 सांसदों ने विरोध किया इसके बाद राज्यसभा में इस पर गुरुवार को गहन बहस हुई जिसमें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेताओं ने अपनी बात रखी लंबी चर्चा के पश्चात शुक्रवार को मतदान हुआ जिसमें 128 सांसदों ने समर्थन में और 95 ने विरोध में मत दिया अब विधेयक को कानून का रूप लेने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति की प्रतीक्षा है संशोधित विधेयक के अनुसार वक्फ संस्थानों द्वारा अनिवार्य योगदान राशि 7 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है इसके अतिरिक्त वे संस्थान जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक है उनके लिए सरकार द्वारा नियुक्त ऑडिटरों के माध्यम से अनिवार्य ऑडिट की व्यवस्था की गई है प्रशासनिक कार्यक्षमता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वक्फ संपत्ति प्रबंधन के लिए एक केंद्रीकृत स्वचालित पोर्टल की स्थापना की जाएगी संशोधन के तहत 2013 से पहले लागू नियमों को पुनः बहाल किया गया है जिससे उन व्यक्तियों को वक्फ में अपनी संपत्ति दान करने की अनुमति होगी, जो कम से कम पांच वर्षों तक इस्लामी परंपराओं का पालन कर चुके हों महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, यह प्रावधान किया गया है कि वक्फ के लिए समर्पण से पहले महिलाओं को अपनी संपत्ति में उत्तराधिकार का अधिकार मिल जाए इसके अतिरिक्त विधवा, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथ बच्चों के हितों की विशेष सुरक्षा का भी प्रावधान किया गया है साथ ही यदि किसी संपत्ति पर वक्फ का दावा किया जाता है, तो अब इसकी जांच कलेक्टर स्तर से ऊपर के अधिकारियों को सौंपी जाएगी इससे वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी