गंगा का जलस्तर बढ़ने से रावली तटबंध पर संकट, विभाग ने तेज किए बचाव कार्य
बिजनौर में गंगा का जलस्तर लगातार ऊपर चढ़ने से रावली तटबंध की मजबूती पर सवाल खड़े हो गए हैं। तेज धारा में तटबंध को बचाने के लिए लगाई गई लकड़ी और मिट्टी की परत बह चुकी है हालात को संभालने के लिए सिंचाई विभाग के इंजीनियर लगातार जुटे हुए हैं हरिद्वार के भीमगौड़ा बैराज से छोड़े गए अतिरिक्त पानी के चलते गंगा का प्रवाह और तेज हो गया। इसी दबाव में 7 सितंबर को बिजनौर बैराज से लेकर रावली तक करीब नौ किलोमीटर लंबे एप्लेक्स तटबंध में कटान शुरू हो गया था। इस दौरान लगभग 800 से 900 मीटर का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया गंगा का स्तर दोबारा ऊपर आने से तटबंध पर दबाव और बढ़ गया है। कटाव रोकने के लिए रेत और मिट्टी से भरी बोरियां लगातार डाली जा रही हैं तटबंध की सुरक्षा में सिंचाई विभाग, जिला प्रशासन, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और ग्रामीण मिलकर लगे हुए हैं लखनऊ से उच्चाधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने खुद निरीक्षण कर अधिकारियों को निर्देश दिए देहरादून में मंगलवार को बादल फटने से भीमगौड़ा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया, जिससे गंगा का बहाव 1.84 लाख क्यूसेक तक पहुँच गया था बुधवार सुबह यह घटकर 1.34 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया, लेकिन खतरा पूरी तरह टला नहीं है