हिमाचल के किन्नौर में बादल फटा, बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही तेज़ बारिश लोगों के लिए आफ़त बनती जा रही है। शुक्रवार सुबह किन्नौर जिले के लिप्पा गाँव में अचानक बादल फट गया। तेज़ बारिश और पानी के बहाव से इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन गए शुरुआत में दो लोगों के लापता होने की खबर थी लेकिन राहत की बात यह रही कि दोनों को सुरक्षित ढूंढ लिया गया इस दौरान कई खेत और बगीचे बर्बाद हो गए इससे एक दिन पहले गुरुवार को कांगड़ा जिले के बड़ा बंगाल इलाके में भीषण तबाही देखने को मिली। यहां रावी नदी के उफान में सरकारी राशन गोदाम, आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन और एक स्कूल बह गए। गोदाम में रखा करीब 70 क्विंटल अनाज भी पानी में समा गया नदी के तेज बहाव में दो पुल टूट जाने से पूरा क्षेत्र बाकी इलाकों से कट गया है और यहां का संचार नेटवर्क भी ठप हो गया है लगभग 7,800 फीट की ऊंचाई पर बसे इस गांव तक फिलहाल पहुंचना बेहद मुश्किल है क्योंकि यहां केवल पैदल रास्ता है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर नदी किनारे के कई मकान खाली कराए हैं और गांव में 180 क्विंटल राशन सामग्री पहुँचाने की तैयारी चल रही है जरूरत पड़ने पर हेलिकॉप्टर से भी मदद पहुंचाई जाएगी बारिश और भूस्खलन का असर राज्यभर में दिख रहा है चंडीगढ़-मनाली हाईवे पंडोह के पास धंस गया जिससे यातायात बाधित हो गया मनाली की तिब्बती कॉलोनी में फंसे करीब 130 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जबकि कांगड़ा जिले में अरनी यूनिवर्सिटी से लगभग 425 छात्र और शिक्षक एनडीआरएफ की टीम ने बाहर निकाले राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र के मुताबिक इस समय हिमाचल के 12 में से 11 जिले प्रभावित हैं। प्रदेश में करीब 536 सड़कें बंद हैं 1,100 से अधिक ट्रांसफार्मर और 500 से ज्यादा पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं मौसम विभाग ने रविवार तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 20 जून से अब तक बारिश और भूस्खलन से 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और कई अभी भी लापता हैं लगातार हो रही बारिश से राज्य को 2,600 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है