बिजनौर में बच्चे बेचने वाला रैकेट उजागर, अस्पताल संचालक और दंपति गिरफ्तार
पुलिस ने जिले में चल रहे नवजात शिशु की खरीद-फरोख्त के नेटवर्क का बड़ा खुलासा किया है जन्म के तुरंत बाद ही एक मासूम को गायब कर उसे पैसों के लेनदेन में बेच दिया गया इस मामले में पुलिस ने अस्पताल संचालक समेत बरेली के एक दंपति को गिरफ्तार कर लिया है वहीं कई अन्य आरोपी अब भी फरार हैं सूचना के मुताबिक छोईया नंगली गांव निवासी करण सिंह की पत्नी ने 13 मई को नूरपुर स्थित एसआर हेल्थ केयर सेंटर में बच्चे को जन्म दिया इलाज के बहाने डॉक्टर ने नवजात को अलग कर दिया और दोबारा माता-पिता को नहीं दिखाया 23 मई को मां को छुट्टी दे दी गई लेकिन कुछ दस्तावेजों पर जबरन हस्ताक्षर भी कराए गए बच्चे के गायब होने पर पीड़ित पिता ने पूर्व सांसद भारतेंदु सिंह से मदद मांगी उनके हस्तक्षेप के बाद पुलिस सक्रिय हुई और डॉक्टर जावेद, रीना चौधरी, महार सिंह, सलमान और नर्स वंदना सहित कई लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया पुलिस जांच में सामने आया कि बच्चे को पहले 2.70 लाख रुपये में प्रदीप नामक व्यक्ति को सौंपा गया इसके बाद प्रदीप ने उसे नजीबाबाद के वर्णिका अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर आरती और सूरज को दे दिया इन दोनों ने बरेली के रवि अग्रवाल और उनकी पत्नी प्रियता को वही बच्चा 5.5 लाख रुपये में बेच डाला कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बरेली निवासी दंपति से बच्चा बरामद कर लिया और नूरपुर के अस्पताल संचालक सलमान को भी गिरफ्तार किया बादनमें पता चला कि 8 जुलाई को नजीबाबाद स्थित उप-पंजीयक कार्यालय में बच्चे की पहचान बदलने के लिए फर्जी कागज तैयार कराए गए असली माता-पिता की जगह सराय आलम गांव निवासी गोपाल और उसकी पत्नी रूपा को बच्चे का कानूनी अभिभावक दिखाया गया इस रजिस्ट्रेशन में अजय बंगाली और विनीता को गवाह बनाया गया इस गिरोह में शामिल डॉक्टर रीना चौधरी, नर्स वंदना, माखन, राकेश, धर्मेंद्र, डॉक्टर सूरज, गोपाल, रूपा, विनीता अग्रवाल, अजय बंगाली, आरती और प्रदीप समेत कई अन्य आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं उनकी धरपकड़ जारी है