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बुलडोजर न्याय पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

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समरसता प्रधान न्यूज

बुधवार को बुलडोजर न्याय पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया बुलडोजर से लोगों के घर गिराए जाने को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक बताया है कोर्ट ने कहा कि यदि कार्यपालिका किसी व्यक्ति का मकान केवल इस आधार पर गिरा देती है कि वह अभियुक्त है, तो यह कानून के शासन का उल्लंघन है सुप्रीम कोर्ट ने कहा की यहां तक कि गंभीर अपराधों के आरोपी और दोषी के खिलाफ भी बुलडोजर की कार्रवाई बिना नियम का पालन किए नहीं की जा सकती कोर्ट ने कहा कानून का शासन,नागरिकों के अधिकार और प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत आवश्यक शर्त है अगर किसी संपत्ति को केवल इसलिए ध्वस्त कर दिया जाता है क्योंकि व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है तो यह पूरी तरह से असंवैधानिक है

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस

1.यदि ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया जाता है, तो इस आदेश के विरुद्ध अपील करने के लिए समय दिया जाना चाहिए.

2.सड़क, नदी तट आदि पर अवैध संरचनाओं को प्रभावित न करने के निर्देश.

3.बिना कारण बताए नोटिस के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी.

4.मालिक को पंजीकृत डाक द्वारा नोटिस भेजा जाएगा और नोटिस को संरचना के बाहर चिपकाया भी जाएगा.

5.नोटिस तामील होने के बाद अपना पक्ष रखने के लिए संरचना के मालिक को 15 दिन का समय दिया जाएगा.

6.तामील होने के बाद कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सूचना भेजी जाएगी.

7.कलेक्टर और डीएम नगरपालिका भवनों के ध्वस्तीकरण आदि के प्रभारी नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे.

8.नोटिस में उल्लंघन की प्रकृति, निजी सुनवाई की तिथि और किसके समक्ष सुनवाई तय की गई है, निर्दिष्ट डिजिटल पोर्टल उपलब्ध कराया जाएगा, जहां नोटिस और उसमें पारित आदेश का विवरण उपलब्ध कराया जाएगा.

9.प्राधिकरण व्यक्तिगत सुनवाई सुनेगा और मिनटों को रिकॉर्ड किया जाएगा. उसके बाद अंतिम आदेश पारित किया जाएगा.

10.इसमें यह उत्तर दिया जाना चाहिए कि क्या अनधिकृत संरचना समझौता योग्य है और यदि केवल एक भाग समझौता योग्य नहीं पाया जाता है और यह पता लगाना है कि विध्वंस का चरम कदम ही एकमात्र जवाब क्यों है.

11.आदेश डिजिटल पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा.

आदेश के 15 दिनों के भीतर मालिक को अनधिकृत संरचना को ध्वस्त करने या हटाने का अवसर दिया जाएगा और केवल तभी जब अपीलीय निकाय ने आदेश पर रोक नहीं लगाई है, तो विध्वंस के चरण होंगे.

12.विध्वंस की कार्रवाई की वीडियोग्राफी की जाएगी.वीडियो को संरक्षित किया जाना चाहिए. 13.उक्त विध्वंस रिपोर्ट नगर आयुक्त को भेजी जानी चाहिए सभी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए.

14.इन निर्देशों का पालन न करने पर अवमानना और अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी.

15.अधिकारियों को मुआवजे के साथ ध्वस्त संपत्ति को अपनी लागत पर वापस करने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा

यश भारद्वाज सह-सम्पादक SP NEWS

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